राजनीतिक संवाददाता द्वारा
पटना. प्रसिद्ध हड्डी रोग अस्पताल एलएनजेपी अब अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हो चुका है. प्रतिदिन यहां मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है. इसी को देखते हुए इसका विस्तार किया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने लोकनायक जयप्रकाश नरायण अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में दो करोड़ की लागत से एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला का उद्घाटन किया. अब मरीज सभी प्रकार की महंगी जांच मुफ्त में करवा सकेंगे. इस प्रयोगशाला का निर्माण स्टैंडर्ड चार्टड बैंक एंव केयर इंडिया के सहयोग से किया गया है. इस अवसर पर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक और बीएमएसआईसीएल के प्रबंध निदेशक संजय कुमार सिंह, एलएनजेपी अस्पताल के निदेशक सुभाष चन्द्रा और संबंधित संस्थाओं के वरीय अधिकारी उपस्थित थे.
मौके पर उपस्थित चिकित्सकों और कर्मियों को अपने संबोधन में मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य की जनता को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार कार्य कर रहा है. राज्य के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में उपचार से जुड़ी जितनी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं होती हैं, उसका लाभ आम लोगों को प्राप्त हो और लोगों को इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़े, इसके लिए बिहार सरकार दिन-रात कार्य कर रही है. एलएनजेपी अस्पताल में पहले जहां 10 बेड की व्यवस्था थी, उसका कायाकल्प कर विभाग ने आज यहां 104 बेड एवं ट्रॉमा सेंटर में 30 बेड की व्यवस्था कर दी है, जो कि पहले की तुलना में तेरह गुणा अधिक है.
स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि इस अस्पताल को विस्तारित कर यहां 400 बेड की क्षमता बढ़ायी जायेगी. पहले यहां मात्र 4 डाक्टर कार्यरत थे, लेकिन अब संख्या बढ़कर दस गुणा अधिक यानी 43 हो गयी है. इस अस्पताल में पहले सामान्य ओटी भी नहीं थी, पर आज यह अस्पताल अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस विश्व के मॉड्यूलर ओटी में शामिल हैं. मंगल पांडेय ने कहा कि उद्घाटित पैथोलॉजी लैब से यहां मरीजों को नये तरीके से अत्याधुनिक उपकरणों द्वारा गुंणवत्तापूर्ण जांच रिपोर्ट प्राप्त हो सकेगा.
लोकनायक जयप्रकाश नरायण अस्पताल परिसर में गंभीर मरीजों के लिए 12 सौ लीटर प्रति मिनट क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की गयी है. साथ ही अस्पताल में ब्रेन सर्जरी की भी व्यवस्था होने से लोगों को काफी सहूलियत हो रही है. स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि जल्द ही पटना के 2 अस्पताल ऑटोनोमस भी होंगे. इसमें एलएनजेपी और राजेंद्र नगर नेत्र अस्पताल शामिल हैं. यहां पर निदेशक ही संस्थान को चलाएंगे जिसको लेकर सरकार के स्तर से कवायद तेज हो गई है